वो 5 छोटी-छोटी गलतियाँ जो आपका CIBIL स्कोर चो-पट कर देती हैं (और आपको पता भी नहीं चलता)

By finmaster 

 कुछ साल पहले मेरा एक जानने वाला एक खूबसूरत-सा फ्लैट खरीदना चाहता था। उसकी नौकरी ठीक थी, सैलरी अच्छी थी, और डाउन पेमेंट के लिए पैसे भी जमा थे। पूरा परिवार खुशी से फ्लैट देखने जाता। लोन के लिए एप्लाई किया गया, और फिर... जैसे किसी ने बिजली का झटका दे दिया हो। लोन रिजेक्ट। कारण? "आपका CIBIL स्कोर कम है।" उस समय उसके चेहरे पर जो भ्रम और निराशा थी, वो मैं आज तक नहीं भूला। उसे पता ही नहीं था कि ये 'स्कोर' क्या बला है, और कब और कैसे वो 'कम' हो गया।

आप सोच रहे होंगे, "मैं तो हमेशा ईएमआई समय पर भरता हूँ, मेरे साथ ऐसा नहीं हो सकता।" पर दोस्त, यहीं पर जाल है। CIBIL स्कोर सिर्फ़ ईएमआई भरने से नहीं बनता या बिगड़ता। ये एक जटिल, जीवंत रिपोर्ट कार्ड है, जो आपकी पैसों के प्रति अनुशासन और विश्वसनीयता का लेखा-जोखा रखता है। और अक्सर, हम अनजाने में ऐसी छोटी-छोटी गलतियाँ कर बैठते हैं, जो इस स्कोर को धीरे-धीरे खोखला कर देती हैं।

आज, मैं आपको उन्हीं 5 सबसे आम, पर सबसे खतरनाक गलतियों के बारे में बताऊँगा, जो आपका स्कोर गिरा सकती हैं। साथ ही, ये भी बताऊँगा कि अगर आपसे ये गलतियाँ हो भी गई हैं, तो उन्हें कैसे सुधारा जाए और अपने स्कोर को दोबारा स्वस्थ कैसे बनाया जाए। ये कोई किताबी नियम नहीं, बल्कि वो व्यावहारिक बातें हैं, जो बैंक वाले आपको विस्तार से नहीं बताते।


गलती नंबर 1: "क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल ना चुकाना" - सबसे बड़ा भ्रम

भ्रम क्या है?

ज्यादातर लोग सोचतेहैं कि अगर वे क्रेडिट कार्ड का "मिनिमम अमाउंट ड्यू" (न्यूनतम देय राशि) भर दें, तो उनकी जिम्मेदारी पूरी हो गई। बिल जमा हो गया, कोई लेट फीस नहीं, तो CIBIL पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह सोच बिल्कुल गलत और सबसे खतरनाक है।

इसका CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

जब आप पूराबिल नहीं भरते, तो बाकी बची रकम पर आपको उच्च ब्याज (कभी-कभी 36-48% सालाना तक) देना पड़ता है। CIBIL की नजर में, यह दर्शाता है कि आप "रेवॉल्विंग क्रेडिट" को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, यानी आपकी कर्ज चुकाने की क्षमता कमजोर है। इससे आपका "क्रेडिट उपयोग अनुपात" (Credit Utilization Ratio) बिगड़ता है, जो स्कोर का एक प्रमुख फैक्टर है। लगातार ऐसा करने से स्कोर में भारी गिरावट आती है।

कैसे सुधारें? एक्शन प्लान।

1. पूरा बिल, हर बार: अपने दिमाग से "मिनिमम अमाउंट" शब्द हटा दीजिए। टारगेट हमेशा "टोटल अमाउंट ड्यू" को पूरा करने का रखें। अगर एक बार में नहीं भर सकते, तो कार्ड का इस्तेमाल कम कर दें।

2. अलर्ट लगाएँ: अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप में बिल ड्यू डेट से 3-4 दिन पहले का अलर्ट लगाएँ, ताकि भूलने का सवाल ही न उठे।

3. बिच में ही पेमेंट: अगर बिल ज्यादा आ रहा है, तो बिल जनरेट होने का इंतजार मत करिए। महीने के बीच में ही, जब भी पैसे मिलें, कार्ड की बकाया राशि का कुछ हिस्सा चुकाते रहिए। इससे बिलिंग डेट पर आपका "बकाया" कम रहेगा।

गलती नंबर 2: "बार-बार नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए इन्क्वायरी करवाना" - चुपके से चोट करने वाली गलती

गलती क्या है?
हर बार जब आप नयाक्रेडिट कार्ड लेने, पर्सनल लोन बढ़ाने, या होम लोन लेने के लिए आवेदन करते हैं, बैंक या फाइनेंस कंपनी आपका "हार्ड इन्क्वायरी" (कठोर पूछताछ) CIBIL से करती है। हर एक हार्ड इन्क्वायरी आपके स्कोर में 5-10 अंक की छोटी-सी कटौती करती है। अब सोचिए, अगर आपने एक साथ 4-5 बैंकों में क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया, तो एक हफ्ते में ही आपके स्कोर के 25-50 अंक गायब हो सकते हैं!

इसका CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

बार-बार कीगई इन्क्वायरी यह संकेत देती है कि आप कर्ज के लिए बेकरार हैं। हो सकता है आपको कैश फ्लो की समस्या हो, या आप कर्ज पर जीने की आदत बना रहे हों। यह बैंकों के लिए एक रेड फ्लैग है। ज्यादा इन्क्वायरी वाला व्यक्ति जोखिम भरा माना जाता है।

कैसे सुधारें? एक्शन प्लान।

1. सोच-समझकर अप्लाई करें: किसी मॉल में फ्री गिफ्ट के चक्कर में या बैंक के एजेंट के जोर देने पर कभी भी नया क्रेडिट कार्ड के लिए फॉर्म न भरें। पहले अपनी जरूरत तय करें।

2. "प्री-अप्रूव्ड" ऑफर को प्राथमिकता दें: अगर आपका बैंक आपको प्री-अप्रूव्ड लोन या कार्ड ऑफर कर रहा है, तो उसे लेने में कोई हर्ज नहीं। इसमें अक्सर हार्ड इन्क्वायरी नहीं होती।

3. इन्क्वायरी से पहले स्कोर चेक करें: किसी बड़े लोन (जैसे होम लोन या कार लोन) के लिए अप्लाई करने से 3-6 महीने पहले अपना CIBIL स्कोर और रिपोर्ट खुद चेक कर लें। अगर स्कोर कम है, तो पहले उसे सुधारने पर काम करें, फिर अप्लाई करें। अपना खुद का स्कोर चेक करना "सॉफ्ट इन्क्वायरी" होती है, जिससे स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता।

गलती नंबर 3: "केवल एक तरह के क्रेडिट का इस्तेमाल करना" - अधूरी कहानी

गलती क्या है?

बहुत सेलोगों की क्रेडिट हिस्ट्री में सिर्फ़ क्रेडिट कार्ड ही होता है, या सिर्फ़ होम लोन। यानी, उन्होंने कभी पर्सनल लोन नहीं लिया, कभी कार लोन नहीं लिया। उनकी क्रेडिट प्रोफाइल बहुत "एक-आयामी" रह जाती है।

इसका CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

CIBIL स्कोर आपकोएक "सभी प्रकार के कर्ज को सँभालने वाले जिम्मेदार उपभोक्ता" के रूप में देखना चाहता है। अगर आपके पास सिर्फ़ क्रेडिट कार्ड ही है, तो सिस्टम के पास यह आकलन करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि आप किसी किश्तदार लोन (Installment Loan) को कैसे संभालेंगे। इससे आपका स्कोर उतना ऊँचा नहीं जा पाता, जितना एक "विविध क्रेडिट मिश्रण (Healthy Credit Mix)" वाले व्यक्ति का जाता है।

कैसे सुधारें? एक्शन प्लान।

1. क्रेडिट मिक्स बनाएँ, लेकिन समझदारी से: इसका मतलब यह नहीं कि आप बिना वजह लोन लेने लगें। लेकिन अगर आपके पास सिर्फ़ क्रेडिट कार्ड है, और आपको एक लैपटॉप या बाइक खरीदनी है, तो उपभोक्ता ऋण (Consumer Durable Loan) या छोटा पर्सनल लोन लेने पर विचार कर सकते हैं। इसे समय पर चुकाकर आप अपनी विश्वसनीयता बढ़ाएँ।
2. लंबी अवधि के लोन अच्छे हो सकते हैं: एक होम लोन या कार लोन, जिसे आप लंबे समय तक नियमित रूप से चुका रहे हैं, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। यह दिखाता है कि आप लंबे वित्तीय वादों को निभाने में सक्षम हैं।

गलती नंबर 4: "किसी के को-साइनर या गारंटर बन जाना" - दूसरे का बोझ अपने सिर

गलती क्या है?

भाई,दोस्त या रिश्तेदार के कहने पर उनके लोन में गारंटर (Guarantor) या सह-उधारकर्ता (Co-applicant) बन जाना। आप सोचते हैं कि आप तो बस साइन कर रहे हैं, असली जिम्मेदारी तो लोन लेने वाले की है।

इसका CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

जब आप किसीके लोन के गारंटर बनते हैं, तो वह पूरा लोन आपकी जिम्मेदारी बन जाता है। अगर मूल उधारकर्ता ईएमआई भरने में चूक करता है, तो उसका नेगेटिव इम्पैक्ट सीधे आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है। लोन डिफॉल्ट होने पर न सिर्फ़ आपका स्कोर गिरेगा, बल्कि बैंक आपसे भी पैसा वसूलने आ सकता है।

कैसे सुधारें? एक्शन प्लान।

1. "ना" कहना सीखें: पैसों के मामले में भावनाओं से काम न लें। गारंटर बनने से पहले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति और इतिहास को अच्छी तरह जान लें।

2. अगर बन ही चुके हैं, तो निगरानी रखें: अगर आप पहले से ही किसी लोन के गारंटर हैं, तो उस लोन की नियमित रूप से निगरानी करें। यह सुनिश्चित करें कि ईएमआई समय पर जमा हो रही है। बैंक स्टेटमेंट या अलर्ट शेयर करने के लिए कह सकते हैं।

3. गारंटरशिप से मुक्ति पाने का रास्ता: अगर मूल उधारकर्ता की आर्थिक स्थिति सुधर गई है और वह लोन नियमित चुका रहा है, तो बैंक से बात करके गारंटरशिप से मुक्त होने की प्रक्रिया के बारे में पूछ सकते हैं।

गलती नंबर 5: "छोटे-छोटे कर्ज या बिलों को नज़रअंदाज़ करना" - भूले नहीं, भूत बन जाते हैं

गलती क्या है?

कुछ लोग सोचतेहैं कि मोबाइल का बिल, लैंडलाइन का बिल, या किसी छोटी फाइनेंस कंपनी का 5000 रुपये का लोन अगर नहीं चुकाया गया, तो कोई बड़ी बात नहीं। उन्हें लगता है कि ये चीजें CIBIL से जुड़ी नहीं होतीं।

इसका CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

बिल्कुल जुड़ी हुई हैं!आजकल कई सेवा प्रदाता (टेलिकॉम कंपनियाँ, बिजली कंपनियाँ) और छोटे एनबीएफसी भी डिफॉल्टरों की सूची CIBIL जैसे क्रेडिट ब्यूरो को भेजने लगे हैं। एक 2000 रुपये का अनपेड मोबाइल बिल, अगर लंबे समय तक बकाया रह जाए और फिर डूब जाए, तो वह आपकी CIBIL रिपोर्ट पर एक काला धब्बा (Default) बनकर 7 साल तक रह सकता है।

कैसे सुधारें? एक्शन प्लान।

1. सभी बकाया राशियों का ब्यौरा रखें: एक नोटबुक बनाएँ या एक्सेल शीट में सभी छोटे-बड़े बिल और लोन की ड्यू डेट लिखें।
2. पुराने बकाया तुरंत चुकाएँ: अगर कोई पुराना, भूला हुआ बिल या छोटा लोन है, तो उसे तुरंत चुकाने की कोशिश करें। चुकाने के बाद, उस कंपनी से नो-ड्यू सर्टिफिकेट ले लें।
3. CIBIL रिपोर्ट में गलत डिफॉल्ट की शिकायत करें: कभी-कभी गलती से या डेटा की गड़बड़ी से आपकी रिपोर्ट में कोई डिफॉल्ट दिखाई दे सकता है जो वास्तव में नहीं है। साल में कम से कम एक बार अपनी मुफ्त CIBIL रिपोर्ट जरूर चेक करें (CIBIL की वेबसाइट या बैंकों के ऐप से)। अगर कोई गलती मिले, तो तुरंत ऑनलाइन डिस्प्यूट रेज़ोल्यूशन प्रक्रिया शुरू कर दें।

निष्कर्ष: CIBIL स्कोर एक बगीचे की तरह है, जिसकी नियमित देखभाल जरूरी है

दोस्तों, CIBIL स्कोर कोई रहस्यमयी अंक नहीं है। यह आपके वित्तीय व्यवहार का एक सटीक आईना है। इसे एक नाजुक बगीचे की तरह समझिए। अगर आप नियमित रूप से पानी देंगे (समय पर भुगतान), खरपतवार निकालेंगे (गलतियों से बचेंगे), और विभिन्न पौधे लगाएँगे (हेल्दी क्रेडिट मिक्स रखेंगे), तो यह हरा-भरा रहेगा और आपको फल देगा (आसानी से लोन मिलेगा, कम ब्याज दर मिलेगी)।
लेकिन, अगर इसे अनदेखा कर दिया, एक भी पौधा सूखने दिया, या बेतरतीब ढंग से कुछ भी रोप दिया, तो यह बर्बाद हो जाएगा। अच्छी खबर यह है कि इसे सुधारा जा सकता है। आज से ही इन 5 गलतियों पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए। अपनी CIBIL रिपोर्ट चेक कीजिए, और अगर कोई कमी है, तो धैर्य के साथ उसे सुधारने की प्रक्रिया शुरू कर दीजिए।
याद रखिए, एक अच्छा CIBIL स्कोर सिर्फ़ लोन के लिए नहीं है। यह आपकी वित्तीय आजादी, आपकी विश्वसनीयता, और भविष्य के लिए आपकी तैयारी का प्रतीक है। इसे संभाल कर रखिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

लोगों द्वारा कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल -

सवाल 1: कितना CIBIL स्कोर अच्छा माना जाता है?

जवाब:750 से ऊपर का स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है और इससे लोन आसानी से मंजूर हो जाता है। 700-750 का स्कोर ठीक माना जाता है, पर कुछ बैंक थोड़ी सख्ती कर सकते हैं। 700 से नीचे के स्कोर को सुधारने की जरूरत है।

सवाल 2: क्या CIBIL स्कोर चेक करने से स्कोर कम होता है?

जवाब:नहीं। अगर आप खुद अपना स्कोर चेक करते हैं (CIBIL की वेबसाइट, किसी बैंक के ऐप, या अन्य विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से), तो यह एक "सॉफ्ट इन्क्वायरी" होती है, जिससे स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता। सिर्फ तब असर पड़ता है जब आप कर्ज के लिए आवेदन करते हैं और बैंक चेक करता है ("हार्ड इन्क्वायरी")।

सवाल 3: अगर मैंने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया, तो क्या मेरा CIBIL स्कोर होगा?

जवाब:जी नहीं। अगर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है (यानी आप क्रेडिट इनविजिबल हैं), तो CIBIL के पास आपके बारे में कोई डेटा नहीं है, और कोई स्कोर नहीं बन पाता। बैंकों के लिए आप एक 'अज्ञात जोखिम' होते हैं, जिससे लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, एक क्रेडिट कार्ड या छोटे लोन का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करके अपनी हिस्ट्री बनाना जरूरी है।

सवाल 4: क्या सारे क्रेडिट कार्ड बंद कर देने से स्कोर अच्छा हो जाता है?

जवाब:बिल्कुल नहीं। उल्टा, इससे नुकसान हो सकता है। अगर आप अपने पुराने क्रेडिट कार्ड बंद कर देते हैं, तो आपकी कुल उपलब्ध क्रेडिट सीमा (Total Credit Limit) कम हो जाती है। इससे आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बिगड़ सकता है (क्योंकि बकाया एक जैसा रहेगा, पर लिमिट कम हो जाएगी)। बेहतर है कि बेकार के कार्ड तो बंद कर दें, लेकिन 1-2 पुराने और अच्छी लिमिट वाले कार्ड जरूर अपने पास रखें, और उनका बिल हमेशा पूरा चुकाएँ। 


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