Credit Card और Debit Card में क्या अंतर है? Beginner Guide -
By finmaster
आपके पर्स में शायद ये दोनों कार्ड पड़े होंगे। देखने में लगभग एक जैसे, पर असल में इनका काम करने का तरीका ज़मीन-आसमान का फर्क है। एक का गलत इस्तेमाल आपको महीने के अंत में सिरदर्द में डाल सकता है, जबकि दूसरा आपकी जेब पर पूरी नज़र रखता है। आज बात करते हैं इन्हीं दोनों की, बिना किसी उलझन के।
पहला सवाल: क्रेडिट कार्ड आखिर होता क्या है?
सीधी सी बात है, क्रेडिट कार्ड बैंक या कंपनी द्वारा दिया गया एक छोटा कर्ज़ा है, जो एक प्लास्टिक के कार्ड का रूप ले लेता है। जब आप इसे इस्तेमाल करते हैं, तो आप सीधे बैंक का पैसा खर्च कर रहे होते हैं, अपना नहीं।
इसको ऐसे समझिए – मान लीजिए आपके एक दोस्त ने आपसे कहा, "चिंता मत करो, अभी जो भी शॉपिंग करनी है मेरे पैसे से कर लो, महीने के आखिर में मुझे वापस कर देना।" क्रेडिट कार्ड वही दोस्त है। बैंक आपको एक लिमिट देता है (जैसे 50,000 रुपये) और कहता है कि इस लिमिट तक तुम मेरे पैसे से खरीदारी कर सकते हो। हर महीने के अंत में बैंक आपको एक बिल भेजेगा, जिसमें पूरी लिस्ट होगी कि आपने कहाँ-कहाँ पैसा खर्च किया। अगर आप इस बिल को एक तय तारीख तक पूरा चुका देंगे, तो बैंक आपसे कोई अतिरिक्त पैसा (ब्याज) नहीं लेगा। लेकिन अगर आपने पूरा बिल नहीं भरा, तो फिर जो बाकी बचा है, उस पर बैंक बहुत ज़्यादा ब्याज लगाना शुरू कर देगा।
दूसरा सवाल: फिर डेबिट कार्ड क्या है?
डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड का बिल्कुल उल्टा है। इसे आपका डिजिटल वॉलेट समझ लीजिए। यह सीधे आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है। जब आप इससे पेमेंट करते हैं या एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो पैसा सीधे आपके अपने सेविंग्स अकाउंट से कट जाता है। यहाँ कोई उधार नहीं है। आपके खाते में जितने पैसे हैं, उतना ही आप खर्च कर सकते हैं। इसमें कोई बिल नहीं आता, क्योंकि भुगतान तुरंत हो चुका होता है।
असली मामला: दोनों में क्या फर्क है और क्या ध्यान रखें?
अब हम इन दोनों को अलग-अलग नज़रिए से देखते हैं, ताकि आप हमेशा के लिए समझ जाएँ।
1. पैसा किसका खर्च हो रहा है?
- क्रेडिट कार्ड: बैंक का पैसा। आप एक तय सीमा तक उधार लेकर खर्च करते हैं।
- डेबिट कार्ड: आपका अपना पैसा। आपके बैंक खाते में जमा रकम ही आपकी लिमिट है।
2. भुगतान कब होता है?
- क्रेडिट कार्ड: भविष्य में। खरीदारी अभी, पेमेंट बाद में (महीने के अंत के बिल के रूप में)।
- डेबिट कार्ड: तुरंत। लेन-देन होते ही पैसा आपके खाते से निकल जाता है।
3. ब्याज और शुल्क का झंझट -
- क्रेडिट कार्ड: अगर बिल समय पर नहीं भरा तो बहुत ज़्यादा ब्याज (सालाना 36-48% तक भी!), सालाना फीस, लेट फीस जैसे शुल्क लगते हैं।
- डेबिट कार्ड: आमतौर पर कोई ब्याज नहीं। कुछ खास ट्रांजैक्शन पर ही छोटा सा चार्ज (जैसे दूसरे बैंक के एटीएम से ज़्यादा बार पैसे निकालने पर)।
4. क्रेडिट स्कोर पर असर-
- क्रेडिट कार्ड: आपके क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर डालता है। समय पर बिल भरोगे तो स्कोर अच्छा होगा, जिससे भविष्य में लोन लेना आसान होगा। लेट भरोगे तो स्कोर खराब हो जाएगा।
- डेबिट कार्ड: इसका क्रेडिट स्कोर से कोई लेना-देना नहीं है।
5. सुरक्षा के नज़रिए से -
- क्रेडिट कार्ड: इसमें फ्रॉड से थोड़ी ज़्यादा सुरक्षा होती है। अगर कोई धोखाधड़ी वाला ट्रांजैक्शन हो जाए और आप तुरंत बैंक को बता दें, तो चार्ज वापस मिलने की संभावना ज़्यादा रहती है क्योंकि बैंक अपने पैसे को बचाने में ज़्यादा सक्रिय होता है।
- डेबिट कार्ड: इसमें पैसा तुरंत आपके खाते से कट जाता है, इसलिए धोखाधड़ी होने पर पैसा वापस पाने की प्रक्रिया लंबी और थोड़ी मुश्किल हो सकती है।
6. ऑफर्स और फायदे -
- क्रेडिट कार्ड: इसमें कैशबैक, एयर माइल्स, लंबी EMI, शॉपिंग और रेस्टोरेंट में डिस्काउंट जैसे ढेरों आकर्षक ऑफर मिलते हैं। यह बैंकों का ग्राहक को बाँधने का तरीका है।
- डेबिट कार्ड: इन पर भी कुछ ऑफर मिलते हैं, लेकिन आमतौर पर क्रेडिट कार्ड जितने भारी-भरकम नहीं होते।
तो आखिर कब कौन सा इस्तेमाल करें? एक आसान सा नियम -
- डेबिट कार्ड इस्तेमाल करें अपनी रोज़ की खरीदारी के लिए, जहाँ आप अपने बजट में रहना चाहते हैं। पेट्रोल भरवाना हो, किराने का सामान लेना हो या एटीएम से कैश निकालना हो – यह सबसे सुरक्षित विकल्प है।
- क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करें तब, जब आपको पैसे की ज़रूरत अभी है और वापस करने की क्षमता बाद में है। जैसे किसी इमरजेंसी में, किसी बड़ी खरीदारी पर EMI चाहिए हो, या फिर किसी खास कैशबैक ऑफर का फायदा सच में उठाना हो। लेकिन हमेशा याद रखें: क्रेडिट कार्ड से की गई हर खरीदारी आप पर एक कर्ज़ा है, जिसे एक न एक दिन चुकाना ही है।
सबसे ज़रूरी बात: क्रेडिट कार्ड का जादू तभी तक अच्छा है, जब तक आप हर महीने उसका पूरा बिल समय पर भरते हैं। सिर्फ 'मिनिमम अमाउंट' भरकर छुटकारे की सोचना सबसे बड़ी गलती है, क्योंकि बाकी बचे पैसे पर लगने वाला ब्याज आपको गहरे कर्ज़ में डाल सकता है। देखिए, दोनों कार्ड सुविधा के लिए हैं। डेबिट कार्ड आपकी मौजूदा बचत तक पहुँच है, तो क्रेडिट कार्ड भविष्य की आमदनी पर भरोसा दिखाता है। थोड़ी सी समझदारी और अनुशासन से आप दोनों का फायदा उठा सकते हैं और इनके नुकसान से बच सकते हैं।
एक छोटी सी नोट: यह जानकारी आपकी समझ बढ़ाने के लिए है। कोई भी फाइनेंशियल फैसला लेने से पहले अपनी स्थिति समझें और अगर ज़रूरत हो तो किसी एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें।

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